शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

अपने संग्रह से ......... अपनी बात।

अपने संग्रह से ......... अपनी बात


           मैंने अपने 42 वर्ष में लिखे साहित्य को एक जगह संकलित करने के उद्देश्य से अपना एक ब्लाॅग शुरू किया है। इस ब्लाॅग में अपने जीवनकाल में लिखे, प्रकाशित एवं प्रसारित साहित्य को संकलित करने का कार्य शुरू कर दिया है। 

          इसमें सबसे पहले मैंने अपने संग्रह से आकाशवाणी के विभिन्न केन्द्रों द्वारा प्रसारित कहानी, कविता, नाटक एवं झलकियों की रिकार्डिंग को यूट्यूब, ब्लाॅग एवं सोशल मीडिया पर साझा कर रहा हूँ। आकाशवाणी से प्रसारित नाटकों एवं झलकियों को साझा करने का कार्य तो लगभग पूर्ण हो चला है। अब प्रसारित कविता, कहानी एवं गोष्ठियों की रिकार्डिंग को साझा करने की प्रक्रिया निरंतर है।

          पहले आकाशवाणी से प्रसारित कार्यक्रमों को कैसेट में रिकार्ड करना पड़ता था। मैं बहुत ही खुशकिस्मत हूँ कि कैसेट में मेरी रिकार्डिंग लगभग 40 वर्ष बाद भी सुरक्षित है। हाँ कुछ रिकार्डिंग अवश्य मिट गईं है, जैसे मेरा पहला काव्यपाठ जो कि आकाशवाणी ग्वालियर केन्द्र से युववाणी कार्यक्रम के तहत 27 नवंबर, 1980 को प्रसारित हुआ था, मिट गया है। लेकिन बहुत कुछ सुरक्षित है। जो सुरक्षित है उसे टेप-रिकार्डर से कम्प्यूटर से अंतरित कर फिर यूट्यूब के लिये वीडियो बनाने का कार्य कर रहा हूँ।

         मेरा प्रयास है कि जहाँ तक संभव हो सभी तरह का प्रसारित एवं प्रकाशित साहित्य यूट्यूब एवं ब्लाॅग में संरक्षित कर सकूँ। ये मीडिया के ऐसे स्त्रोत हैं, जहाँ पर जब तक मीडिया रहेगा, साहित्य भी संरक्षित रहेगा।

      इसी प्रकार मेरे द्वारा हिन्दी एवं भारतीय भाषाओं के प्रतिष्ठापन के लिये ‘‘अनुरोध’’ पत्रिका एवं ‘‘अनुरोध’’ वेबसाइट के माध्यम जो भी प्रयास किये गये थे, उन्हें भी इसी प्रकार संरक्षित करूँगा। मैंने हिन्दी एवं भारतीय भाषाओं के प्रतिष्ठापन के प्रयास का कार्य वर्ष 1989-90 से प्रारंभ किया था। इस कार्य के लिये मैंने कई राष्ट्रीय-स्तर के कार्यक्रम भी आयोजित किये थे। उन कार्यक्रमों के फोटो एवं रिकार्डिंग भी मेरे पास सुरक्षित है। उन्हें भी कम्प्यूटर में संरक्षित करने का कार्य प्रारंभ करूँगा।

        इस अभियान के दौरान मेरे पास प्रसिद्ध साहित्यकार डाॅ. शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ जी, श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी और देश एवं विदेश के भाषाप्रेमियों के कई महत्वपूर्ण पत्र संग्रहित हैं, उन्हें में भी स्केन कर मीडिया पर साझा करूँगा।

        आप सबसे भी अनुरोध है कि आप ईश्वर से विनती करें कि मैं इस कार्य को सफलता-पूर्वक पूर्ण कर सकूँ।

         यहाँ एक बात का उल्लेख और करना चाहूँगा, और वह यह कि जब मैंने आकाशवाणी से प्रसारित कहानी, कविता, नाटक एवं झलकियों को यूट्यूब एवं सोशल मीडिया पर साझा करने की सूचना महानिदेशक आकाशवाणी, नई दिल्ली को दी, तो उनके द्वारा भी मेरे इस प्रयास की प्रसन्नता अपने ईमेल द्वारा की गई है।

निवेदक,
दुर्गेश गुप्त ‘‘राज’’
कुछ लिंक:

यूट्यूब     कहानियां    कविताएं     पत्रिका  

  साहित्यकुंज


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