मंगलवार, 31 मार्च 2020

एक अनुरोध/एक चेतावनी

"एक अनुरोध/एक चेतावनी"

न बरछी, न तलवार
न बंदूक की गोली, न तोप का गोला
न परमाणु बम, न रसायन बम
न विषकन्या, न जासूस

एक अतिसूक्ष्म जीव
कोरोना वायरस

जिसने महाशक्ति की स्पर्धा में
दौड़ते-भागते देशों को ही नहीं
बल्कि/संपूर्ण विश्व के
राजनेताओं और वैज्ञानिकों को
झकझोर कर रख दिया है

हे मानव अब तो संभल

तुझे पृथ्वी पर
पृथ्वी के लिए
सृष्टि ने रच कर भेजा है
उसे सजा-संवार

छोड़ दे अन्य ग्रहों की भाग-दौड़
छोड़ दे/जन्म-मृत्यु की दूरी नापना
छोड़ दे देखना
महाशक्ति बनने का स्वप्न

सोच
कैसे एक सूक्ष्म वायरस ने
विश्व को हिला कर रख दिया है

इस बात से कोई अंतर नहीं पड़ता
कि उसकी सृष्टि
मानव से हुई
या किसी जीव से

लेकिन ये कटुसत्य है
कि तुझे
तेरे बौनेपन का अहसास कराने
तुझे संभल जाने का एक और अवसर
उस सृजनकर्ता ने तुझे दिया है

यदि तू अभी भी न संभला
तो भविष्य में/इस प्रकृति को ही
सबकुछ संभालना होगा।

-दुर्गेश गुप्त 'राज'

फेसबुक

सोमवार, 30 मार्च 2020

"विश्व स्वास्थ्य संगठन" (WHO) के मोबाइल नंबर से जानकारी प्राप्त करें



"विश्व स्वास्थ्य संगठन" (WHO)  के मोबाइल नंबर से जानकारी प्राप्त करें


"विश्व स्वास्थ्य संगठन" (WHO) के माध्यम से हम "कोविड-19" की अपडेट जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिये हमें (WHO) का मोबाइल नंबर अपने वाट्सअप में सेव करना होगा। हम इसके उपरांत अपने मोबाइल पर सीधे ही "विश्व स्वास्थ्य संगठन" की वेबसाइट से जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।



-दुर्गेश गुप्त ‘राज’


शनिवार, 28 मार्च 2020

वाट्सएप मोबाइल नंबर 9013151515 कैसे काम करता है..





वाट्सएप मोबाइल नंबर 9013151515

           माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी एवं भारत सरकार द्वारा कोविड-19 की अद्यतन जानकारी हेतु वाट्सएप मोबाइल नंबर 9013151515 जारी किये जाने का संदेश दिया गया था। यह नंबर कैसे काम करता है, विस्तार से समझें।

-दुर्गेश गुप्त ‘राज’

सोमवार, 16 मार्च 2020

ऐसी वीडियो आपने शायद ही पहले देखी हो.. INDIGO FLIGHT LANDING ON JAMMU A...


मेरे संग्रह से.....

ऐसी वीडियो आपने शायद ही पहले देखी हो....

जम्मू एअरपोर्ट पर इंडिगो वायुयान की लेंडिंग

             अपने संग्रह से श्रीनगर से जम्मू आते समय इंडिगो वायुयान की एअरपोर्ट पर लेंडिंग के समय बनाई गई वीडियो मैं आपके साथ साझा कर रहा हूँ, आशा है पसंद आयेगी।

-दुर्गेश गुप्त ‘राज’


श्री अमरनाथ जी की यात्रा भाग-1: ग्वालियर से श्री नगर हवाई यात्रा AMARNA...



मेरे संग्रह से.....

श्री अमरनाथ जी की यात्रा भाग-1

ग्वालियर से श्री नगर हवाई यात्रा

                मेरे संग्रह में भारत-भ्रमण के समय के कई वीडियो एवं जानकारी संकलित हैं। अतः मैंने विचार किया कि क्यों न अपनी जानकारी एवं अनुभव आपसे साझा किये जायें। इस श्रंखला के तहत मैं सबसे पहले आपको श्री अमरनाथ जी की यात्रा के अनुभव साझा कर रहा हूँ।

                 यह यात्रा बहुत ही रोचक रही थी। दिनांक 01 अगस्त, 2019 को बाबा बर्फानी जी के दर्शन उपरांत दिनांक 02 अगस्त, 2019 को जम्मू एवं कश्मीर सरकार द्वारा ‘‘एडवायजरी’’ जारी किये जाने से बाबा अमरनाथ जी की यात्रा निरस्त कर दी गई थी और सभी पर्यटकों एवं दर्शनार्थियों को एक-दो दिन में घाटी छोड़कर सुरक्षित स्थान पर अथवा अपने-अपने घर चले जाने के निर्देश जारी किये गये। दिनांक 03 अगस्त, 2019 को बालटाल, पंजतरनी एवं अन्य स्थानों से लंगर आदि हटा दिये गये। होटल पर्यटकों से खाली कराये जाने लगे। कश्मीर से पर्यटकों को बाहर सुरक्षित स्थानों पर भेजने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाने लगी। वायुसेना से वायुयानों से पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाने लगा।

                हमारा 04 अगस्त, 2019 को वायुयान से जम्मू का टिकिट था, अतः दो दिन हमें वहीं गुजारने थे। वे दिन कैसे बीते यह धीरे-धीरे आपको जानकारी दूँगा।

                 सबसे पहले आपको ग्वालियर से श्री नगर की हवाई जहाज से यात्रा करा रहा हूँ। इसके बाद अगली कड़ी में आपको डल झील की सैर, बालटाल से बाबा बर्फानी के दर्शन तक की यात्रा, सोनमर्ग, जीरो पाइंट एवं अन्य जगहों की यात्रा पर भी ले चलूंगा। 

-दुर्गेश गुप्त ‘राज’





बुधवार, 11 मार्च 2020

आकाशवाणी महानिदेशक द्वारा प्रसन्नता व्यक्त

अपने संग्रह से.... 

आकाशवाणी महानिदेशक द्वारा प्रसन्नता व्यक्त


      जब मैंने आकाशवाणी से प्रसारित कहानी, कविता, नाटक एवं झलकियों को यूट्यूब एवं सोशल मीडिया पर साझा करने की सूचना महानिदेशक आकाशवाणी, नई दिल्ली को दी, तो उनके द्वारा मेरे इस प्रयास की प्रसन्नता अपने ईमेल द्वारा की गई है।

ट्विटर





रविवार, 8 मार्च 2020

आकाशवाणी काव्य-पाठ - दुर्गेश गुप्त ‘राज’ KAVYAPATH DURGESH (02july1985)


अपने संग्रह से ......

आकाशवाणी के ग्वालियर केन्द्र से प्रसारित काव्य-पाठ
           आज मैं अपने संग्रह से 35 वर्ष पहले 02 जुलाई, 1985 को आकाशवाणी के ग्वालियर केन्द्र से ‘युववाणी’ कार्यक्रम के तहत प्रसारित काव्य-पाठ साझा कर रहा हूँ। यह काव्य-पाठ आकाशवाणी केन्द्र द्वारा अपने लोकप्रिय कार्यक्रम ‘युववाणी’ में प्रसारित किया गया था। 
           पुरानी रिकार्डिंग होने से आवाज में थोड़ी अस्पष्टता होना स्वाभाविक है।
-दुर्गेश गुप्त ‘राज’



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आकाशवाणी से प्रसारित कहानी ‘‘और खुशियाँ लौट आईं’’ KAHANI (19Feb1981)


अपने संग्रह से ......
आकाशवाणी के ग्वालियर केन्द्र से प्रसारित कहानी ‘‘और खुशियाँ लौट आईं’’
           आज मैं अपने संग्रह से 39 वर्ष पहले 19 फरवरी, 1981 को आकाशवाणी के ग्वालियर केन्द्र से ‘युववाणी’ कार्यक्रम के तहत प्रसारित कहानी ‘‘और खुशियाँ लौट आईं’’ साझा कर रहा हूँ। यह वह समय था जब ‘युववाणी’ कार्यक्रम बड़े ही मन से सुना जाता था। उस समय तीसरे गुरूवार को ग्वालियर के ‘युववाणी’ कार्यक्रम को मध्यप्रदेश के सभी आकाशवाणी केन्द्रों यथा ग्वालियर के साथ भोपाल, रायपुर, जबलपुर एवं छतरपुर से एक साथ प्रसारित किया जाता था। 

                पुरानी रिकार्डिंग होने से आवाज में थोड़ी अस्पष्टता होना स्वाभाविक है।

-दुर्गेश गुप्त ‘राज’

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शनिवार, 7 मार्च 2020

काव्य-संग्रह ‘‘कहीं कुछ नहीं काँपता’’ लोकार्पण भाग-2 KAVITA-SANGEET G...



मेरे संग्रह से......

‘‘कविता-संगीत गोष्ठी’’
काव्य-संग्रह ‘‘कहीं कुछ नहीं काँपता’’ लोकार्पण एवं शास्त्री नित्य गोपाल कटारे अभिनंदन समारोह भाग-2
              आज मैं आपके समक्ष 22 वर्ष पूर्व 1 फरवरी, 1998 बसंत पंचमी के अवसर पर प्रखर सांस्कृतिक संस्थान एवं शिव संकल्प साहित्य परिषद, होशंगाबाद (नर्मदापुरम्) के संयुक्त तत्वावधान में श्री दुर्गेश गुप्त ‘राज’ के काव्य-संग्रह ‘‘कहीं कुछ नहीं काँपता’’ का लोकार्पण एवं वरिष्ठ साहित्यकार शास्त्री श्री नित्य गोपाल कटारे जी का अभिनंदन समारोह की रिकार्डिंग के अंश प्रस्तुत कर रहा हूँ।

            इस कार्यक्रम का भाग-एक, जिसमें विमोचन एवं अभिनंदन की विस्तृत रिकार्डिंग थी, पहले ही प्रस्तुत कर चुका हूँ। ये कार्यक्रम का दूसरा भाग है। कार्यक्रम के इस दूसरे भाग में कविता एवं संगीत गोष्ठी का मिला-जुला आयोजन रखा गया था। इस गोष्ठी का प्रभावपूर्ण संचालन वरिष्ठ साहित्यकार नगरश्री पं. गिरि मोहन गुरु जी द्वारा किया गया था।

           इस गोष्ठी का शुभारंभ शास्त्री नित्य गोपाल कटारे एवं श्री प्रदीप दुबे जी के बसंत पर लिखे हिंदी गीत की संगीतमय प्रस्तुति से हुआ। इसके बाद प्रखर सांस्कृतिक संस्थान के अध्यक्ष श्री प्रवीण दुबे जी द्वारा संगीतमय विरह गीत प्रस्तुत किया। गोष्ठी में भोपाल से पधारे हुए शायर काजिम रजा राही जी द्वारा अपनी श्रेष्ठ रचनाओं का पाठ किया। उनके काव्य-पाठ के उपरांत युवाकवि श्री स्वस्तिक तिवारी ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। इसके बाद पुनः संगीतमय प्रस्तुति के तहत श्री लक्ष्मीनारायण शर्मा जी द्वारा अपना बांसुरी वादन प्रस्तुत किया। उनके द्वारा बांसुरी पर ‘‘श्याम चले यमुना किराने..’’ पुराने गीत की धुन बांसुरी पर बजाई, जिसे सुनकर श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गये।

           कविता एवं संगीत की इस मिली-जुली गोष्ठी के अगले क्रम में कवि श्री अरविन्द सागर जी द्वारा अपनी कविताएं सुनाईं गई। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए संचालक महोदय द्वारा श्री एन.के. शर्मा जी को आमंत्रित किया, उनके द्वारा एक संगीतमय लोकगीत प्रस्तुत किया गया।

           लोकगीत के बाद श्रीमती गीता गुप्ता का काव्य-पाठ और इसके उपरांत इटारसी से पधारे वरिष्ठ कवि श्री संतोष इंकलाबी जी द्वारा सरस्वती वंदना एवं अपनी लोकप्रिय कविता ‘‘मेला में ठेला’’ श्रोताओं को सुनाई। श्री इंकलाबी जी की रचना पाठ के बाद श्री नवीन दुबे ‘निरंकुश’ द्वारा तुलसीदास जी के ऊपर लिखित अपनी चर्चित कविता का पाठ किया। इन्हें खूब सराहा गया। इसके बाद नगरश्री पं. गिरि मोहन गुरु जी द्वारा अपनी रचनाओं का पाठ किया और अंत श्री प्रदीप दुबे जी द्वारा ‘‘तेरी अठखेलियां तन्हाइयों में याद आती हैं’’ एवं ‘‘चेहरे पर झुर्रियां हैं, आईने पर गर्द है’ गीतों की संगीतमय प्रस्तुति दी गई। इस प्रकार संगीतमय प्रस्तुति के साथ इस कार्यक्रम का समापन हुआ।

            मेरे संग्रह में उपलब्ध कैसेट में गोष्ठी के यही अंश मिल सके। निश्चित है कुछ कवियों की कविताएं छूट गई हों, इसके लिये क्षमा चाहता हूँ।

-दुर्गेश गुप्त ‘राज’

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शुक्रवार, 6 मार्च 2020

काव्य-संग्रह ‘‘कहीं कुछ नहीं काँपता’’ का लोकार्पण (भाग-1) KAVITA-SANGRAH...



मेरे संग्रह से......

काव्य-संग्रह ‘‘कहीं कुछ नहीं काँपता’’ का लोकार्पण (भाग-1) 


            आज से 22 वर्ष पूर्व दिनांक 1 फरवरी, 1998 सरस्वती जयंती एवं बसंत पंचमी के अवसर पर माँ नर्मदा-तट के समीप नर्मदानगरी होशंगाबाद में मेरे दूसरे काव्य-संग्रह ‘‘कहीं कुछ नहीं काँपता’’ का विमोचन श्री चन्द्रहास बेहार जी (आयएएस) के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ था। वे प्रखर सांस्कृतिक संस्थान एवं शिव संकल्प साहित्य परिषद् द्वारा संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर संस्कृत एवं हिंदी के विद्वान साहित्यकार शास्त्री नित्य गोपाल कटारे जी का अभिनंदन भी किया गया था। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार श्री कमलेश सूर्यवंशी जी ने की थी। कार्यक्रम का प्रभावशाली संचालन युवा कवि श्री शिव अनुज बिल्लौरे जी द्वारा किया गया था।
  
            वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इस मेरे संग्रह की मुख्य कविता ‘‘कहीं कुछ नहीं काँपता’’ का महत्व मेरे लिये इसलिए भी बढ़ जाता है, क्योंकि इस कविता में कश्मीर को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए मैंने लिखा था कि ’’हे कर्णधारो, कश्मीर को हीरोशिमा, नाकासाकी बनने से रोको, देश के एक हिस्से को गलने से रोको....’’ और ये सुखद संयोग ही था कि विगत वर्ष 2 अगस्त, 2019 को जब जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा ‘‘एडवायजरी’’ जारी की गई थी, उस समय मैं बाबा अमरनाथ जी के दर्शन कर वापस श्रीनगर लौट रहा था, और माता वैष्णों देवी के दर्शन के समय दिनांक 5 अगस्त, 2019 को केन्द्र सरकार द्वारा जम्मू एवं कश्मीर को भारत का हिस्सा घोषित करते हुए उसे केन्द्र शासित प्रदेश बना दिया गया। उसका विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर उसे भारत का अभिन्न अंग घोषित कर दिया गया था। 

           अपनी यादों को सोशल मीडिया से साझा करते हुए मुझे हर्ष हो रहा है, हालांकि इस कार्य में मुझे बहुत श्रम करना पड़ रहा है। मेरी रिकार्ड की हुई कैसेट जाम हो गई हैं, और टेपरिकार्डर भी बंद रहने के कारण जाम पड़े थे। मैंने अपने टेप रिकार्डर में से एक टेपरिकार्डर को चालू किया है और कैसेट को बार-बार रिवाइंड-फास्ट फारवर्ड कर जैसे-तैसे चलने लायक स्थिति में लाकर उसमें कैसेट चला कर कार्यक्रम को कम्प्यूटर में रिकार्ड किया है। इसे मेरा जुनून ही कह लीजिये कि जिस कार्य को दो घंटे में किया जा सकता था, उसे करने में मुझे दो दिन लग रहे हैं। 

         होशंगाबाद में मेरे जीवन में एक ऐसा मोड़ आया जिससे मैं भारतीय भाषाओं के प्रतिष्ठापन के आंदोलन को गति दे सका अनुरोध पत्रिका के माध्यम से। इस कार्य में होशंगाबाद के साहित्यकारों एवं पत्रकारों का योगदान मेरे लिये निश्चित ही अविस्मरणीय रहेगा। 

           शिव संकल्प साहित्य परिषद के नगरश्री पं. गिरिमोहन गुरु, शास्त्री नित्यगोपाल कटारे, श्री शिव अनुज बिल्लौरे, श्री प्रेम सोलंकी, डाॅ. रघुनंदन प्रसाद सीठा जी, श्री अमृतलाल जी मालवीय, श्री स्वस्तिक तिवारी, श्री कृष्णस्वरूप शर्मा जी, श्री विनोद मण्डलोई जी, श्री जयदेव वशिष्ठ जी, श्री अशोक मिथलेश जी, श्री ओम प्रकाश यादव, श्री मनोज चौकसे, प्रखर सांस्कृतिक संस्थान के श्री प्रवीण दुबे जी, श्री प्रदीप दुबे जी, श्री अरविंद सागर जी..... और भी बहुत से नाम हैं, जो मेरे वहाँ के जीवन के अभिन्न थे। इस संबंध में मैं अपने अगले लेख में विस्तार से लिखूंगा।

            अभी तो आप इस कार्यक्रम को सुनकर आनंद लें। ये कार्यक्रम का पहला भाग है। दूसरा भाग भी शीघ्र साझा करूंगा, जिसमें काव्य एवं संगीत का मिला-जुला बड़ा ही रोचक कार्यक्रम उस दिन प्रस्तुत किया गया था। उस कार्यक्रम का संचालन किया था नगरश्री पं. गिरिमोहन गुरु जी ने।


-दुर्गेश गुप्त ‘राज’


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बुधवार, 4 मार्च 2020

आकाशवाणी नाटक : अधर में...... ADHAR MAIN - DURGESH GUPT 'RAJ'


मेरे संग्रह से.....

आकाशवाणी नाटक : अधर में.... 


            यह नाटक सर्कस के कलाकारों के जीवन पर आधारित नाटक है। इस नाटक में सर्कस कलाकारों के जीवन का यथार्थ चित्रण किया गया है।

           इस नाटक का मुख्य पात्र है विजयन, जो सर्कस में साइकिल पर अपने कर्तव्य दिखाता है। उसके जीवन की व्यथा-कथा का विस्तृत चित्रण करता है यह नाटक अधर में .....।

         यह नाटक दिनांक 24 मई 1992 को आकाशवाणी के इंदौर केन्द्र से प्रसारित किया गया था। इस नाटक के प्रस्तुतकर्ता थे श्री रवीन्द्र राले और कलाकार थे शकील अख्तर, तिलक राज सेठ, रविन्द्र राले, उमेश कुलकर्णी, विजय राय, प्रतिक्षा खोड़गांवकर एवं निम्मी माथुर।

मंगलवार, 3 मार्च 2020

आकाशवाणी काव्य-गोष्ठी : संचालन श्री नीरज पुरी (वर्ष 1994) KAVYA GOSHTHI





मेरे संग्रह से:

आकाशवाणी के बैतूल केन्द्र द्वारा श्री नीरज पुरी जी के संचालन में प्रसारित काव्य-गोष्ठी (वर्ष 1994)

           अपने संग्रह से अब मैं आकाशवाणी के बैतूल केन्द्र से प्रसिद्ध हास्य-कवि श्री नीरज पुरी जी के संचालन में प्रसारित काव्य-गोष्ठी प्रस्तुत कर रहा हूँ। इस काव्य-गोष्ठी का प्रसारण आकाशवाणी द्वारा वर्ष 1994 में किया गया था। इस गोष्ठी के सहभागी कवि थे श्री दर्द होशंगाबादी, श्री नीरज पुरी, श्री पी. के. पाण्डे, श्री प्रभाकर, श्री अजय दुबे एवं मैं स्वयं दुर्गेश गुप्त ‘राज’काव्य-गोष्ठी का संचालन किया था हास्य कवि श्री नीरज पुरी जी द्वारा।


-दुर्गेश गुप्त ‘राज’


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सोमवार, 2 मार्च 2020

आकाशवाणी काव्य-संध्या : KAVYA SANDHYA (1 JAN 1995)





मेरे संग्रह से:

आकाशवाणी के बैतूल केन्द्र से दिनांक 01 जनवरी, 1995 को प्रसारित काव्य-संध्या

          मैं बैतूल में वर्ष 1993 से 1996 तक रहा। इस दौरान वहाँ के कवि एवं साहित्यकार मित्रों के साथ निरंतर मिलना-जुलना होता रहता था। आकाशवाणी का बैतूल केन्द्र वहाँ नया-नया स्थापित हुआ था। समय-समय पर आकाशवाणी भी कवि-गोष्ठी का आयोजन करता रहता था। उन्हीं काव्य-संध्याओं में से नववर्ष पर प्रसारित एक काव्य-संध्या की रिकार्डिंग अपने संग्रह से प्रस्तुत कर रहा हूँ। इस गोष्ठी का महत्व मेरे लिये इसलिए भी अधिक बढ़ जाता है, क्यों कि इस गोष्ठी में मुझे देश के प्रख्यात हास्य कवि श्री नीरज पुरी जी एवं मशहूर शायर जनाब दर्द होशंगाबादी जी के साथ काव्यपाठ करने का सुअवसर प्राप्त हुआ। कवि, साहित्यकार एवं कलाकार हमेशा अमर रहते हैं, चाहे उनका शरीर इस नश्वर संसार में रहे या न रहे। भाई नीरज पुरी जी आज भले से हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वे अमर हैं और हमेशा अमर रहेंगे।



           इस काव्य-संध्या में श्री काशिव सिद्धिकी, श्री नीरजपुरी, श्री दर्द होशंगाबादी एवं मैं स्वयं दुर्गेश गुप्त ‘राज’ सम्मिलित थे। इस काव्य-संध्या का संचालन किया था आकाशवाणी बैतूल के अधिकारी एवं शायर श्री हसन अहमद जी ने।



-दुर्गेश गुप्त ‘राज’

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रविवार, 1 मार्च 2020

आकाशवाणी कवि-गोष्ठी KAVI-GOSHTHI (31 JAN, 1984)



अपने संग्रह से:

"आकाशवाणी के ग्वालियर केन्द्र से दिनांक 31 जनवरी, 1984 को प्रसारित कवि-गोष्ठी"

         अपने संग्रह से 36 वर्ष पूर्व आकाशवाणी के ग्वालियर केन्द्र से युववाणी कार्यक्रम के तहत प्रसारित कवि-गोष्ठी प्रस्तुत कर रहा हूँ। इस कवि-गोष्ठी का प्रसारण दिनांक 31 जनवरी, 1984 को युववाणी कार्यक्रम में शाम 5.30 से 6.05 के मध्य किया गया था। इस कवि-गोष्ठी में सहभागी कवि थे सुश्री ऋचा सत्यार्थी, श्री अनिल बांगा, श्री उमाशंकर ‘अश्क’ एवं मैं स्वयं दुर्गेश गुप्त ‘राज’। इस कवि-गोष्ठी का संचालन किया था सुश्री ऋचा सत्यार्थी ने।

       फेसबुक पर देखने से विदित हुआ कि इन कवियों में से कोई डाॅक्टर है तो कोई शिक्षक। मैं स्वयं ‘भारत के नियंत्रक महालेखा-परीक्षा एवं लेखा विभाग’ में ‘‘संभागीय लेखा-अधिकारी’’ के पद पर कार्यरत था और वर्ष 2008 में उक्त पद से ‘स्वैच्छिक सेवा-निवृत्ति’ ले वर्तमान में स्वतंत्र लेखन कर रहा हूँ।


-दुर्गेश गुप्त ‘राज’

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  साहित्यकुंज   कहीं कुछ नहीं काँपता