दुर्गेश गुप्त 'राज'

गुरुवार, 19 मई 2022

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सोमवार, 16 मई 2022

कश्मीर की वह रात Kashmir Ki Vah Raat by दुर्गेश गुप्त राज #hindikahaniya...

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शनिवार, 14 मई 2022

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समुद्र में रेल से यात्रा। 108 वर्ष पुराना पाम्बन रेल पुल। #pamban #india...

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गुरुवार, 12 मई 2022

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दुर्गेश गुप्त ‘राज’
भोपाल, मध्यप्रदेश, India
भारतीय भाषाओं के प्रतिष्ठापन हेतु प्रयासरत, ताकि वह भारत में रोजी-रोटी की भाषा बन सके ऒर भारत अंग्रेजी की गुलाम मानसिकता से मुक्ति पा सके। जन्म- २३ अप्रैल १९६० को डबरा, ग्वालियर, म.प्र. में। शिक्षा- विज्ञान एवं विधि स्नातक। कार्यक्षेत्र- कवि/लेखक/नाटककार। पूर्व महासचिव :भारतीय भाषा प्रतिष्ठापन राष्ट्रीय परिषद् मुंबई (भारत) तथा संस्थापक- अंकुर साहित्य एवं कला परिषद्, शिवपुरी (म.प्र.)। संपादक : जाल-पत्रिका 'अनुरोध'। प्रकाशित कृतियाँ- कविता संग्रह- आइना चटक गया तथा कहीं कुछ नहीं काँपता। प्रसारित आकाशवाणी नाटक- भटकने से पहले, सौ रुपये का चक्कर, अधर में, समयचक्र, धर्म-संकट, प्यार किया नहीं जाता, व्यवहार का चक्कर, सौतेली, परिवर्तन, कहो जी कैसी रही, विध्वंस के द्वार पर। ई-मेल- anurodh55@yahoo.com, durgeshgupta5@gmail.com
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